वह मेरे मन में बना रहा और मैनें नए रास्ते तलानशने शुरू कर दिए अतः मैं प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी को बंद कर दिया और मन में उठ रहे विचारों को योरक्योट्स(your quotes) के प्लेटफार्म पर लिखना शुरू कर दिया वह सभी विचारों को मैं यहां आपके समक्ष रख रहा हूं आपका मूल्यवान सुझाव टिप्पणी के लिए मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।
*कुछ लोग दूसरों में बुराइयां ढूंढने में खुद भूल जाते हैं कि वह खुद बुरे विचारों के स्वामी बनते जा रहे हैं।
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*वह इंसान सबसे खूबसूरत है जो आपके सपनों का सम्मान करता हो और ऐसे इंसान का साथ देने में कभी भी संकोच नहीं करना चाहिए।

*कुछ गलतियों की माफी नहीं ताउम्र पछतावा होता है जैसे करियर हो या जीवनसाथी का चुनाव।

*जिस व्यक्ति को उसके कार्य का आर्थिक मूल्य न मिलता हो उसका सम्मान दोयम दर्जे का होता है।

*जब पैरेंट्स आपकी जरूरत को समझने में असमर्थ होने लगे तो समझ जाना की अगली पीढ़ी के लिए नई जिम्मेदारी लेने का वक्त आ गया है।

*लोग इस उलझन में किसी रास्ते पर चलना शुरू ही नहीं करते कि रास्ते सही है या गलत सही हुआ तो मंजिल मिल जाएगी गलत हुआ तो आगामी पीढ़ी के लिए अनुभव। मंजिल पाने के लिए किसी रास्ते पर चलिए जरूर।

*अब लोग शख्सियत से नहीं कामयाबी से मतलब रखते हैं और कामयाबी संघर्ष से आती है किस्मत से नहीं।

*कुछ चीजें प्राइसलेस होती है फिटनेस, मानसिक शांति, सपने, सकारात्मक सोच, एहसास … अगर फिर भी कीमत की बात करूं तो इन सब की एक ही कीमत होती है कठिन परिश्रम।

*एक मिनट में जिंदगी नहीं बदलती परंतु एक मिनट सोच कर लिया हुआ फैसला पूरी जिंदगी बदल देता है ।

*समस्या का समाधान ढूंढने से समस्या का अंत होगा अगर रोने से समस्या का समाधान हो जाता तो आज दुनिया में समस्या ही ना होती।

*चौबीस घंटे ही है सभी के पास आपको ताउम्र अखबार बेचना है या ऑफिसर बनना है या अरबपति या किचन संभालना है या बच्चे यह तो आपके निर्णय लेने पर है।

*क्योंकि इतिहास हर किसी को अपने पन्ने पर जगह नहीं देती।

*बड़ा अजीब मुल्क है अपना यहां जाति और धर्म ने अच्छे लोगों का बेरागर्क कर रखा है।

भारत को दुश्मनों ने जितना नुकसान पहुंचा होगा उससे अधिक जाति और धर्म के ठीकेदारों ने पहुंचाया है।

*आज भी पढ़ी-लिखी लड़कियां ऐसे हमसफर के साथ सफर पर निकल पड़ती है जो उनके सपनों की परवाह नहीं करते और लड़कियों को घर के पिंजरे से निकाल कर गृहस्थी के पिंजरे में कैद करने में यकीन रखते हैं आज भी लोग एक लड़की को इंसान समझने की जगह किचन और बच्चे संभालने की मशीन से ज्यादा कुछ नहीं समझते।

*अगर पैसे से सब कुछ खरीदी जा सकती तो सबसे पहले लोग वक्त को खरीदते।

बड़ी अजीब मानसिकता के कथित उच्च जाति के लोग रहते हैं जिनकी बेटी किसी कथित नीची जाति से इश्क करे तो अपनी बेटी की जान तक ले लेते हैं किंतु बेटे के लड़कियों को छेड़ने पर, इश्क करने पर, ऐसिड अटैक पर, रेप करने पर कहते हैं लड़कों से गलतियां हो जाती है।


*बिहार में बेरोजगारी नहीं निकम्मों की भीड़ है यकीन ना हो तो एक समान काम को ठीका पर और रोजाना पर करवा कर देख लो।

*आप रोने की वजह लोगों से पूछोगे तो हजार वजह बता देंगें और हंसने की एक भी नहीं।

*आज तक मुझे एक भी ऐसा इंसान नहीं मिला जिसने असफलता के लिए मेहनत की हो।

*इस मुल्क में बड़े अजीब लोग रहते हैं बच्चों के इश्क से नफरत करते हैं और श्री कृष्ण जैसे इश्क के देवता की पूजा करते हैं। गंगा – जमुनी तहजीब की बात करते हैं और इस तहजीबी इश्क पर बच्चों का कत्ल करते हैं।

*अगर आपको लगता है कि आपका सबके चहेते हो तो सबके सोच के पड़े कोई निर्णय लेकर देख लो आपके सारे भ्रम टूट न जाए तो कहना।

*अक्सर लोग कहेंगे कुछ अलग कर बड़ा कर कोशिश करके देख फिर वही लोग कहेंगे कुछ छोटा कर।

*कभी-कभी पेरेंट्स से इतना गलत निर्णय हो जाता है कि एक बच्चे की पूरी जिंदगी ही तबाह हो जाती है।

*हर सफलता के पीछे संघर्ष की एक अलग कहानी होती है और हर किसी की सफलता उसकी परिस्थितियों और रणनीतियों का परिणाम होती है और आपकी सफलता आपकी परिस्थिति और रणनीतियों का परिणाम होगी।

डेस्टिनेशन जितनी खूबसूरत हो ट्रेन पकड़ते वक्त उतनी अधिक सावधानी बरतनी चाहिए, गलत ट्रेन के साथ सफर का आनंद तो आएगा किंतु डेस्टिनेशन कभी हाथ नहीं आएगा ।हर किसी के पास बैकअप का वक्त हो जरूरी तो नहीं और कुछ डेस्टिनेशन के गलत सफर पर बैकअप का ऑप्शन तक नहीं।

*बड़ी अजीब फितरत है इंसानों की आप कितने बुरे हो इसका हिसाब रखती है आप कितने अच्छे हो इसका कोई हिसाब नहीं रखती।

*आप लालच में किसी व्यक्ति का चयन करते हैं तो उस व्यक्ति को हक है आपके सपनों से खेलने की।

*विश्वासी बनिए अंधविश्वासी नहीं । खुदा ने आंख नाक कान और बुद्धि इसलिए तो दी है इसका इस्तेमाल कीजिए जरुरी नहीं की धर्म ग्रंथ गीता कुरान त्रिपिटक बाइबिल में लिखी बातें 100% सही हो। सभी धर्म ग्रंथ में पृथ्वी के उत्पत्ति की सभी बातें मिथ्या है सत्य तो बस इतना है कि इस पृथ्वी की उत्पत्ति हुई है और अब तक विज्ञान भी बस बिग बैंग थ्योरी ही दे पाया है ।प्रमाणित साक्ष्य तो भविष्य के गर्त में छिपा हुआ है

*यकीन मानिए अगर आप पर्यावरण से लगाव न रखेंगे तो पर्यावरण का अलगाववादी कहर आप और आपकी आने वाली पीढ़ियां बर्दाशसश्त ना कर पाएगी।

*भारत में बाल विवाह का एक कारण है कि बच्चे अपने लव लाइफ के बारे में अपने पेरेंट्स से बात आज भी शेयर नहीं कर सकते और पकड़े जाने पर लड़कियों की उसकी मर्जी के खिलाफ जबरन किसी के साथ ब्याह दी जाती है लड़के की बड़ी इज्जत के साथ कुटाई की जाती है जैसे उसे इस दुनिया में सन्यासी बनाने के लिए जन्मा गया हो।

*भारत में गलत मानसिकता का विकास भी बाल विवाह को नंबर वन बनाने में अपनी आहम भूमिका निभा रही है।

*एक इंसान ही किसी के लिए उदासीन होता है तो किसी का परम मित्र और किसी के लिए परम शत्रु भी। वैसे ही पर्यावरण उदासीन है तो अच्छा है परम मित्र है तो बहुत अच्छा है और परम शत्रु बन बैठे तो इंसान के वजूद को हिलाने में कितना वक्त लगेगा ।अभी संभल गए तो ठीक वरना पीढ़ियों को भी संभलने का भी वक्त नहीं मिलेगा।

*बगीचे के पेड़ पौधों को बदलते मौसम के अनुसार खाद पानी कटाई छटांई की आवश्यकता होती है। ऐसा ना हो तो बगीचा के जंगल बनने में वक्त ही कितना लगता है पर्यावरण का ख्याल रखिए तभी वह भी आपका ख्याल रख सकेगा।

*अपनी मस्तिष्क के विचारों में धूल ना जमे जरूरी है आप अपनी किताबों पे धूल न जमने दें।

*भारत देश में पीडीएस और दिहाड़ी मजदूरी ने बेरोजगारी और भूखमरी को बढ़ावा देने वाली मानसिकता का विकास कर रही है। कुछ सेक्टर में दिहाड़ी मजदूरी ने महामारी का रूप ले रखा है । पीडीएस ने जहां लोगों को काम पर न जाने के लिए प्रेरित किया है वहीं दिहाड़ी मजदूरी प्रतिदिन काम ना करने के लिए।


*क्या एक पंछी एक पर से उड़ान भर सकता है क्या वह एक छोटे और बड़े पर से उड़ान भर सकता है क्या आसमान पंख से संतुलन बन पाएगा नहीं न । मानव जीवन भी कुछ इसी तरह है।

*सफलता के लिए अपना स्वभाव दो-तीन साल के बच्चों जैसा बना लो थक जाओ तो घोड़े बेचकर सो जाओ उठो तो जी भर कर शरारत करो।

*भारत में ऐसे पेरेंट्स पाए जाते हैं जो कहते हैं जो होता है वह सब किस्मत में लिखा होता है तेरी किस्मत में यही होना लिखा था कुछ छोटा कर तुझसे नहीं होगा ।अब मैं इन बातों पर यकीन नहीं करता मैं तो गलत हूं लेकिन विवेकानंद जी ने भी ऐसी बातें कही तो वह महान हैं।

*किस्मत का रोना इतना मत रोओ कि किस्मत ही नाराज हो जाए।

*रातें गुजारनी हो न तो हम जाति व धर्म से पड़े इंसान बन जाते हैं लेकिन जिंदगी गुजारनी हो तो मानसिक बीमार।

*वक्त जैसा भी हो गुजर ही जाता है किंतु धोखे का एहसास का जख्म मृत्यु तक हरा रहता है।

Nice