Birth of positive thoughts in my life part eleven : मेरे जीवन में सकारात्मक विचारों का जन्म भाग इग्यारह

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*जिस इंसान के सारे सपने टूट गए हैं उसके बावजूद उसमें फिर से नए सपने देखने की हिम्मत हो तो वह शख्स ही जिंदा है अन्य तो बस जी रहे होते हैं।

*अजीब बात है न पूरी दुनिया जीत कर भी मां का दिल न जीता तो वह जीत हार के समान है क्या सच में दुनिया में ऐसी मां पाई जाती है जो बच्चों की जीत से नाराज रहती हों

*प्रेम सदा माफी मांगना पसंद करता है और अहंकार सदा माफी सुनना पसंद करता है।

*माना कि हम सभी किसी का भाग्य नहीं बदल सकते किंतु अच्छी प्रेरणा देकर अच्छे कर्म करने के लिए मार्गदर्शन तो कर ही सकते हैं।

*अजीब दुनिया है यह यहां सब के सब ज्ञानी है फिर भी सब परेशान है क्योंकि दूसरे को समझना है खुद को नहीं दूसरे की गलतियां बताना है खुद की गलतियां पहचानना नहीं।

*भारत में सबसे बुरी मानसिकता है कि तुम गलत हो तुम्हारी सोच गलत है मैं सही हूं मेरी सोच सही है।

*जैसे ही विचारों की लड़ाई शुरू हो जाती है व्यवहारिक लड़ाई फिर सर्वभौमिक सत्य बन जाता है।

*लोग बदल जाते हैं किस्मत क्या चीज है बस अच्छे कर्म करते जाइए अच्छे फल किस्मत से जुड़ते चले जाएंगे किस्मत स्वयं बदल जाएगी।

*कुछ लोगों के लिए आप और आपका जीवन महत्वपूर्ण नहीं है इस बात को आप भी स्वीकार कीजिए कि उसका जीवन भी आपके लिए महत्वपूर्ण नहीं है।

*आप कभी भी इतने बूढ़े नहीं हो सकते कि एक नया लक्ष्य न निर्धारित कर सके या एक नया सपना न देख सके।

*एक भूखा दूसरे की भूख नहीं मिटा सकता एक अंधा दूसरे अंधे को रास्ता नहीं दिखा सकता एक गरीब दूसरे की गरीबी नहीं मिटा सकता जीवन की यही सच्चाई है।

*अपनी गलती माने बिना आप कभी बेहतर इंसान नहीं बन सकते।

*यदि यह पूछा जाए की दुष्ट और सांप में कौन अच्छा है तो इसका उत्तर सरल है सांप दुष्ट से हजार गुना अच्छा है।

*मूर्ख व्यक्ति को दो पैरों वाला पशु समझकर त्याग देना चाहिए क्योंकि वह अपने शब्दों के शूल के समान इस तरह भेदता रहता है जैसे अदृश्य कांटा चुभ जाता है।

*रूप और यौवन से संपन्न विद्याहीन स्त्री और पुरुष सुगंधहीन फूलों के समान होता है ।ऐसे पुष्प का पानी ग्रहण करना परिवार व रिश्ते के लिए हमेशा संकट उत्पन्न करते हैं।

*बेर और कांटे, गुलाब और कांटे, बेल और कांटे..

एक ही वृक्ष में एक साथ उत्पन्न होते हैं किंतु इनका स्वभाव और स्वाद अलग-अलग होता है। वैसे ही एक ही नक्षत्र में जन्मे दो जुड़वा बच्चों का स्वभाव व आचरण सामान नहीं होता ज़रूरतें सामान नहीं होती है। तो सभी बच्चों के लिए सतुआ सहने की आवश्यकता बिल्कुल भी नहीं है।

*सज्जन लोग आरंभ से अंत तक साथ नहीं छोड़ते चाहे आपके जीवन में सुख हो या दुख सज्जन कभी बैचारिक लड़ाई को व्यावहारिक नहीं होने देते ऐसा स्वभाव तो सिर्फ दुर्जनों का होता है।

*कुएं का पानी सब फसलों को एक सामान मिलता है लेकिन फिर भी करेला कड़वा बेर मीठा इमली खट्टी होती है यह दोष पानी का नहीं बीज का है । वैसे ही भगवान सबके लिए एक समान है दोष कर्मों का है किस्मत का नहीं।

*बुरे कर्म करके अच्छे किस्मत की उम्मीद करना मानसिक असंतुलन नहीं तो और क्या है । सार्वभौमिक सत्य है आपके हिस्से में आंसू ही आएंगे खुशी नहीं।

*जब आप अपने जीवन में अच्छे या बुरे घटनाओं का स्वागत करना सीख जाएंगे तब आपका जीवन जीने का तरीका औरों से बेहतर होता चला जाएगा।

*पूर्वजों ने सही कहा है मूर्ख को अपनी गलतियां दिखती नहीं ,किस्मत को कोसना छूटता नहीं । दूसरों का घर बर्बाद करने की आदत जाती नहीं। अत: दुखों का साथ छूटता नहीं।

*यदि आप सच्चे हैं तो आपको घबराने की जरूरत नहीं वक्त खुद व खुद सच्चाई का सबूत दे देगा । यदि आप झूठे हैं तो भ्रम में न रहे हैं कि वक्त आपके झूठ से पर्दा नहीं उठाएगा।

*इस जहां में सबसे महंगी चीज एहसास होता है जो दुनिया में हर इंसान के पास नहीं मिलता।

*जिस इंसान के सपने टूटे होते हैं अक्सर वही इंसान दूसरे के टूटे सपनों का सच्चा दर्द समझ सकता है।

*झूठे लोगों को ही आसानी से धोखे मिला करते हैं सच का सामना करने की हिम्मत हर किसी में नहीं होती।

*भारत ही एक देश है जहां लोगों को लहसुन प्याज खाने से डर लगता है। झूठ फरेब धोखा लालच ठगी रिस्ते तोड़ना काम बिगाड़ना,अपनों से मतलब न रखना इत्यादि से पाप नहीं लगता।

*अजीब दस्तूर है उस खुदा का भी ,किसी किसी पर दिमाग नहीं दिल नहीं आत्मा से भरोसा करना सिखा देता है और ऐसे भरोसे को तुड़वाकर आत्मा को रुलवाकर जीवन का सही महत्व भी समझा देता है।

*यदि कोई याचक आपसे याचना करता है और आप उसे पूरा करने में सक्षम है तो उसकी याचना पूरी कर दें क्योंकि जाते वक्त वो याचक मुफ्त का दुआ या बद्दुआ देता जाएगा याचक दुआ देगा या बद्दुआ ये आपके कर्मों पर निर्भर करता है।

*जिंदगी सिगरेट की तरह होती है मजे करो सुलग तो रही ही है खत्म तो वैसे भी हो जाएगी

*केवड़े के वृक्ष में सांप रहते हैं फल भी नहीं लगता वह टेढ़ा-मेढ़ा भी होता है उसमें कांटे भी होते हैं वह उगता भी कीचड़ में है और उस तक पहुंचना भी आसान नहीं होता। इतनी कमियां होने पर भी अपने एक ही गुण सुंदर गंध के कारण केवड़ा सभी को प्रिय होता है। ठीक ही कहा गया एक ही गुण सारी कमियों को छुपा देता है।

डियर फ्रेंड्स किसी भी प्रकार की त्रुटि के लिए मैं क्षमाप्रार्थी हूं। त्रुटि की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए आपका हृदय से आभारी रहूंगा। कॉमेंट्स में अपना विचार साझा कर मुझे अपना मार्गदर्शन दे सकते हैं, धन्यवाद।

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