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Birth of positive thoughts in my life part twelve : मेरे जीवन में सकारात्मक विचारों का जन्म भाग बारह

 

Birth of positive thoughts in my life part twelve : मेरे जीवन में सकारात्मक विचारों का जन्म भाग बारह

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*लोग कीचड़ से बच के इसलिए निकलते हैं कि कपड़े गंदे ना हो जाए और कीचड़ को लगता है लोग उनसे डरते हैं। समझदार व्यक्ति अपनी समझदारी की वजह से चुप हो जाता है और मुर्ख को लगता है मेरे डर की वजह से चुप हो गया।

*कामवासना मनुष्य का सबसे बड़ा रोग है मोह माया या अज्ञान सबसे बड़ा शत्रु क्रोध के समान कोई आग नहीं तथा ज्ञान के समान कोई सुख नहीं।

*मनुष्य भले ही एक समाज में रहने वाला प्राणी है किंतु व्यक्ति संसार में अकेला ही जन्म लेता है अकेला ही मृत्यु का प्राप्त करता अकेला ही शुभ अशुभ कर्मों का भोग करता है अकेला ही नरक में पड़ता है तथा अकेला ही परमगति को प्राप्त करता है।

*समुद्र में वर्षा व्यर्थ है , तृप्त को भोजन कराना व्यर्थ है।धनी को दान देना व्यर्थ है और दिन में दीपक जलाना व्यर्थ है।

*लोभी व्यक्तियों के लिए भीख , चंदा दान मांगने वाले व्यक्ति को वह शत्रु के नजरिए से देखता हैं।

*चांदनी रात को चोर अपना शत्रु समझता है चांद की चांदनी में छुपाना सरल नहीं होता उसे तो अंधेरा मित्र के सामान लगता है।

*आजकल लोगों की आदत हो गई है पॉजिटिव इंसान से दूर रहने की और नेगेटिव इंसान के करीब रहने की।

*बादल के समान कोई जल नहीं होता अपने बल के समान कोई बल नहीं होता आंखों के समान कोई ज्योति नहीं होती और अन्य के समान कोई प्रिय वस्तु नहीं होती।

*पानी की एक बूंद तवे पर पड़े तो मिट जाती है कमल के पत्ते पर गिरे तो मोती की तरह चमकने लगती है सीप में आए तो खुद मोती बन जाती है। पानी की बूंदे तो वही है बस संगत का फर्क है

*कुछ बातें समझने से नहीं खुद पर बीतने से समझ में आती है। जैसे प्रतियोगिता प्रशिक्षण में सफलता नहीं मिलने पर अपनी गलतियां समझ में आती है।

*इस धरा पर प्रमुख तीन रत्न होते अन्य जल व सुंदर शब्द।

*जल में तेल , दुष्ट से कही गई गुप्त बात, योग को दिया गया दान, तथा बुद्धिमान को दिया गया ज्ञान। थोड़ा सा होने पर भी अपने आप विस्तार प्राप्त कर लेते हैं।

*मनुष्य में सबसे बड़ी कमजोरी है कि वह निंदा में अधिक रस लेता है इसमें समय नष्ट होने के अतिरिक्त कुछ हाथ नहीं आता।

*जन्मांध कुछ नहीं देख सकता, कामांध और नशे में पागल व्यक्ति भी कुछ नहीं देखता। स्वार्थी व्यक्ति भी किसी में दोष नहीं देखता।

*अकेले चलने का हुनर आ ही जाता है जब पता हो साथ चलने वाला कोई नहीं है।

*घर वाले अच्छी खासी बेज्जती करने के बाद बोलते हैं कि तुम्हारे भले के लिए बोल रहे हैं तो समझ नहीं आता रोऊं या बात मान लूं।

*कभी-कभी आप किसी को भूलने की जितनी कोशिश करते हो वह उतना याद आता है। शायद इसलिए कि उससे हुई मुलाकात से जिंदगी ने अलग ही करवटें लेने लग गई। जीवन के मूल्य ही बदलने लग गई और सफल जीवन जीने के लिए समय ने किताबों को नहीं जिंदगी को पढ़ना सिखाने लग गई।

*अच्छे ने अच्छा और बुरे ने बुरा कहा मुझे क्योंकि जिसकी जितनी जरूरत थी उसने उतना ही पहचाना मुझे।

*लोगों की बातों में आकर किसी इंसान की गलत इमेज अपने दिमाग में बनाना सबसे बड़ी बेवकूफी है।

*लड़की को मैसेज करने वाला हर लड़का गलत सोच वाला नहीं होता और हर लड़की मैसेज का रिप्लाई करने वाली कैरक्टर लेस नहीं होती।

*शेर को सवा सरे बहुत मिल जाते हैं अतः किसी भी कार्य क्षेत्र में अपने को अवशिष्ट मानना मूर्खता है यह अहंकार ही मानवमात्र के दुख का कारण बनता है और उसे ले डूबता है।

*व्यक्ति को यश भी उसके पुण्यों या अच्छे कर्मों से ही मिलता है।

*संतान को जन्म देकर मां का यौवन नष्ट होता ही है लेकिन गुणवान संतान को जन्म देकर मां अपने को धन्य समझती है।

*कुछ लोगों को दूसरों को आपस में लड़ाने में ही आनंद आता है। ऐसे लोगों की आत्मा व इंसानियत ही मर जाती है, दूसरों को दुखी करने में ही ये खुश होते हैं।

*झुको उतना जितना सही हो बेवजह झुकना दूसरे के अहम को बढ़ावा देता है।

*सज्जन व्यक्ति के साथ मित्रता उस गन्ने के समान होती हैं। जिसे आप कितना ही तोड़ो दबाव चूसो यहां तक कि उसे पीस ही डालो हर बार उसमें से केवल और केवल मिठास ही निकलती है।

*जीवन में कोई सबसे सही रास्ता दिखाने वाला मित्र है तो वह है “अनुभव”

*हर असफलता पराजय और हार के बीच कुछ ऐसे अमूल्य सबक छिपे होते हैं जिन्हें सीखा जाए तो वे छिपे हुए वरदान की तरह सामने आते हैं।

*एक मूर्ख का घमंडी इंसान कभी किसी से मदद नहीं चाहता। इसलिए वह सदा असहाय रहता है । मूर्ख व घमंडी इंसान सब कुछ जानने का दावा करता है और यही वजह है कि उसे कुछ पता नहीं होता और किस्मत के आंसू रोता रहता है।

*अच्छे शख्स के साथ सफर की चाहत तो होती है किंतु उसे पाने से पहले और खोने के बाद दुनिया में हर चीज कीमती हो जाती है।

*सच भी कभी-कभी बेबस नजर आता है जहां चार झूठे बैठे हो वहां सच हार ही जाता है।

डियर फ्रेंड्स किसी भी प्रकार की त्रुटि के लिए मैं क्षमाप्रार्थी हूं। त्रुटि की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए आपका हृदय से आभारी रहूंगा। कॉमेंट्स में अपना विचार साझा कर मुझे अपना मार्गदर्शन दे सकते हैं, धन्यवाद।

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