Jawahar Navodaya Vidyalaya Career Counseling : जवाहर नवोदय विद्यालय कैरियर काउंसलिंग।

जवाहर नवोदय विद्यालय में करियर काउंसलिंग लिए तो समझ में आया कि बच्चों के अंदर प्रतिभा की कमी नहीं है बल्कि कमी है तो विद्यार्थियों के कुदरती कुशलता को परखने की।

छात्रों ने कई सवाल भी पूछे जिसमें कुछ सवाल हर पेरेंट्स के लिए महत्वपूर्ण है व शिक्षक को भी इसे गंभीरता से लेनी चाहिए क्योंकि माध्यमिक शिक्षा लेने वालों छात्रों का बहुत ज्यादा समय शिक्षकों के साथ बीतता है।

समय के पास भी इतना समय नहीं है कि बीते समय को लौटा दें

जवाहर नवोदय विद्यालय नगरपाड़ा भागलपुर के प्राचार्य रोशन लाल,अजीत कुमार सर ,अमूल सर, मनोज कुमार झा सर इत्यादि ने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए विभिन्न फिल्ड में दक्ष लोगों द्वारा समय समय पर आमंत्रित करके छात्रों का कैरियर काउंसलिंग करवाते हैं जिससे बहुआयामी विकसित होता है।

कैरियर काउंसलिंग के लिए आमंत्रण देने के लिए जवाहर नवोदय विद्यालय भागलपुर के शिक्षकों का मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।

Jawahar Navodaya Vidyalaya Career Counseling : जवाहर नवोदय विद्यालय कैरियर काउंसलिंग लेने के बाद पारिवारिक समस्याओं से भी रूबरू होने का अवसर मिला। और एक बार किसी भी इंसान का आत्मविश्वास डगमगा गया तो वह उसे कभी हासिल नहीं कर पाता व भविष्य को अंधकारमय होने से वक्त नहीं लगता।

मैं यहां छात्रों द्वारा पूछे गए कई सवालों में से तीन सवालों पर अपना दृष्टिकोण रखने जा रहा हूं जो सभी के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है और बदलते समय के साथ परवरिश के तरीके में भी परिवर्तन की जरूरत है।

मैं जिस फिल्ड में कैरियर बनाना चाहती हूं उस फील्ड में मम्मी पापा कैरियर बनाने नहीं देते और वह जिस फिल्ड में करियर बनाने को कहते हैं उसे फिल्ड में बनाने का मन नहीं करता?

यह सवाल अमूमन सभी युवाओं का है और इससे सभी प्रभावित भी है अक्सर पेरेंट्स अपने सपने अपने बच्चों पर थोपने के आदी हो चुके हैं और कुदरती टैलेंट को दरकिनार कर दिया जाता है । पेरेंट्स के पास कैरियर की सीमित जानकारी भी होती है व सामाजिक – पारिवारिक ताना-बाना भी युवाओं के कुदरती टैलेंट को सूली पर चढ़ने के लिए मजबूर कर दिया जाता है।

शास्त्रों , पूर्वजों की मनगढ़ंत बातें जैसे काम करने से इज्जत चली जाएगी, द्वारा मजबूर कर दिया जाता है। कभी खुद से यह सवाल नहीं पूछते की जिस रास्ते पर चलकर स्वयं का जीवन नहीं बदल पायें तो अपने बच्चों का भविष्य कैसे बदल पाएंगे?

आज हम दो दुनिया में रहते हैं प्रथम कुदरत की बनाई दुनियां दूसरी इंसान की बनाई दुनियां और इंसान द्वारा बनाए गए दुनिया में निर्मित सभी चीजें कैरियर का एक बेहतर विकल्प प्रदान करती है परंतु बिहार यूपी आदि जगहों में सिर्फ सरकारी नौकरी को ही बेहतर जिंदगी का पर्याय समझा जाने लगा है और इसी वजह से पेरेंट्स सरकारी नौकरी की तैयारी का अत्यधिक दबाव बनाने लग जाते हैं जैसे नौकरी ही सब कुछ है और कुदरत टैलेंट स्वाहा हो जाता है।

समय सीमित है किसी भी टैलेंट को निखारने में वक्त लगता है ।इतिहास में ऐसे कई उदाहरण भरे हैं जिसमें आप करौली टकास के जीवन को देख सकते हैं युवाओं को अपने सपने पूरे करने में सबसे बड़ी समस्या आर्थिक स्थिति से आती है और हमारी शिक्षा व्यवस्था पैसा कमाने के तरीके पर कभी बात नहीं करती । आत्मनिर्भर बनने के बजाय पेरेंट्स पर निर्भर रहना पड़ता है परंतु विकसित देशों में ऐसा नहीं है वहां युवावस्था से ही पैसे कमाने के तरीके पर भी छात्र काम करते हैं।

अर्जुन को यदि धनुर्धर बनने से रोका जाता तो क्या वह महान धनुर्धर बन पाता या भीम को गदा सीखने से रोका जाता तो क्या वह एक बेहतर गदाधारी बन पाता”, फिर अपने बच्चों के साथ अन्याय क्यों?

फैमिली प्रेशर कैसे झेलें

छोटे से उम्र में ऐसे सवाल का मन में उभरना बच्चों के पारिवारिक माहौल को दर्शाता है कि वह कितना नेगेटिव है। हर बच्चा अलग-अलग फूलों के जैसा होता है और हर फूल का रंग रूप ही अलग नहीं होता बल्कि खिलने का समय भी अलग-अलग होता है। पेरेंट्स को मलिक की तरह अपने बगीचे में लगे पौधों की सिर्फ देखभाल करनी चाहिए समय पर खाद पानी देते रहना चाहिए। समय आने पर पौधे में फल-फूल अवश्य लगेंगे। लेकिन एक फूल को कभी भी दूसरे फूल के जैसा बनाने का प्रयास नहीं करना चाहिए। बच्चे ऐसे में मुरझा जाते हैं और उनका भविष्य और जीवन हमेशा मुरझाया ही रहता है ऐसा आप अपने समाज में देखते ही होंगे 90% लोगों का आज यही हाल है।

सभी पेरेंट्स शिक्षक व युवा साथियों को डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की किताब “आपका भविष्य आपके हाथ में” है, पढ़नी चाहिए इस किताब में युवाओं के सवाल का बेहतरीन उत्तर दिया गया है । यदि आपके मन में भी कोई सवाल है तो आप अपना सवाल मुझसे पूछ सकते हैं कोशिश रहेगी एक बेहतरीन व सकारात्मक जवाब देने की जिससे आपका भविष्य सफलता के सफर पर अग्रसर हो जाए। मेरे फेसबुक पेज , यूट्यूब चैनल पे जाकर भी सीधे पूछ सकते हैं। ORFOUNDATIONS के नाम से आप इसे सर्च करें।https://fb.watch/qgbUlbUDiF/?mibextid=Nif5oz

आज अपने काम को लेकर हर इंसान दुखी इसलिए है कि सभी ने फैमिली प्रेशर में आकर कोई ना कोई करियर में अपना भविष्य बन चुके हैं जहां उनका मन नहीं लगता। जिस कैरियर में आपका मन नहीं लगता उसमें आप महान मुकाम हासिल नहीं कर सकते यही वजह है हर इंसान अपने काम को गलत बता रहा होता है और दूसरे के काम की तारीफ कर रहा होता है हीरे को जब तक निखार नहीं जाता तब तक अमूल्यवान ही रहता है ।अपने बच्चों पर प्रेशर डालकर उसे गलत रास्ते पर या अलग-अलग रास्ते पर करियर बनवाने से बचना चाहिए और जो बच्चे प्रेशर नहीं झेल पातें व नकारात्मक कदम उठा लेते हैं ।आत्महत्या जैसे कदम तक उठा लेते हैं ऐसी घटना हर साल कोटा जैसे जगह में घटती रहती है फिर भी पेरेंट्स का प्रेशर बनाने का प्रयास जारी रहता है क्योंकि सुसाइड नोट बच्चे छोड़ जाते हैं जहां वो पैरेंट्स के सपने को पूरा न कर पाने के प्रेशर को झेल नहीं पाते जैसी बातें लिख जाते हैं और अंत में पैरेंट्स के हिस्से आंसू ही आते हैं।

फेमस होना है

यह सवाल जितना आसान है उतना ही इसका जवाब संघर्ष से भरा होता है किसी भी इंसान की जीवनी पड़े तो समझ आ जाएगा युवाओं को तो बस किसी बड़े लक्ष्य का पीछा करना चाहिए बाकी काम कुदरत वर्ष समय पर छोड़ देना चाहिए अपने मां के लक्ष्य को हासिल करने के लिए आलोचनाओं का भी सामना करने से नहीं डरना चाहिए ।आलोचनाओं को छोड़कर जीने के लिए बड़ा साहस चाहिए ।सफल लोगों के लोगों के जीवनी को पढ़े और अपने लिए कुछ सीखें और आगे बढ़ते रहे। डॉक्टर कलाम से एक लड़की ने जो सवाल पूछा और उनका अविस्मरणीय उत्तर मैं यहां लिख रहा हूं क्योंकि इन सवाल का जवाब उनसे बेहतर तो कोई दे नहीं सकता।

How did you become so great

So i personally believe, you must have a dream,I must continuously acquire knowledge,hard work , perseverance,one should not be afraid of problems. Then you will be success.

आशा करता हूं यहां दी गई जानकारी से आप सभी लाभांवित होंगे फिर भी यहां किसी भी प्रकार की त्रुटि के लिए मैं आपसे हृदय से क्षमा प्रार्थी हूं क्योंकि यह मेरे दृष्टिकोण को दर्शाता है आपका दृष्टिकोण भिन्न हो सकता है त्रुटि व अपने दृष्टिकोण को कमेंट के माध्यम से आप मुझे बता सकते हैं जिसके लिए मैं आपका हृदय से आभार रहूंगा धन्यवाद।

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