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Life changing thought by Dr. A.P.J Abdul Kalam : डॉ. ए.पी.जे अब्दुल कलाम के जीवन बदलने वाले विचार

Life changing thought by Dr. A.P.J Abdul Kalam : डॉ. ए.पी.जे अब्दुल कलाम के जीवन बदलने वाले विचार।

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम भारत के महान वैज्ञानिक के साथ-साथ भारत के राष्ट्रपति भी रह चुके हैं इनके जीवन से हर युवाओं को एक अलग ऊर्जा मिलती है और हमें जीवन में आगे बढ़ाने में बहुमूल्य योगदान देती है।इनके जीवन को पढ़ना उनके विचारों को सुनना और समझना हमारे ज्ञान में हमारे मार्गदर्शन में हमारी सोच में हमारे व्यवहार में हमारे चिंतन में हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखता है ।

अपने सपनों को पूरा करने के लिए हर इंसान को इनके द्वारा लिखी गई किताबों को पढ़ना चाहिए इनके बारे में जितना कहा जाए उतना ही कम है ।भारत को शक्ति संपन्न बनाने में डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम का महत्वपूर्ण स्थान है और राष्ट्रपति के रूप में भी डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम ने बहुत ही महत्वपूर्ण फैसला देश हित के लिए लिया

जब राष्ट्रपति थे तब यह मुंगेर बिहार( मुंगेर के योगाश्रम )में दो बार आए इनके जीवन से सीखा तो बहुत कुछ जा सकता है आप क्या सीखते हैं यह आपके दृष्टिकोण पर निर्भर करता है आपका दृष्टिकोण ही आपको सकारात्मक या नकारात्मक सीख सीखने के लिए मजबूर करता है ।आप इनके किताबों को पढ़कर इनके जीवन के बारे में पढ़कर अपने जीवन में भी सकारात्मक दृष्टिकोण ही अपनाएंगे।

गलत निर्णय को अस्वीकार करके या अपने जीवन के लिए लिए गए निर्णय में दृढ़ विश्वास करके आगे बढ़ना आप डॉक्टर कलाम से सीख सकते हैं ।मुझे एक घटना याद आती है जब मैं हाई स्कूल में पढ़ा करता था तब डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम मुंगेर आए थे (योग आश्रम में )।

कहा जाता है की मुंगेर योग आश्रम के संस्थापक सत्यानंद सरस्वती जी ने इन्हें बचपन में ही आशीर्वाद दिया था कि तुम एक दिन बहुत बड़े इंसान बनोगे और जब यह राष्ट्रपति बन गए तब यह मुंगेर आए उस समय मैं भी उनके प्रोग्राम में मुंगेर के पोलो मैदान में भाग लिया था। उसके बाद इनके धर्म के लोगों ने मेरे दुकान पर उनके बारे में नकारात्मक टिप्पणी करने लग गए क्योंकि डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम ने शादी नहीं करने का फैसला किया था और इनका यह निजी फैसला था।

अब इनके धर्म के अनुसार कोई इंसान शादी ना करे तो यह गुनाह है लेकिन फिर भी इन्होंने हर इंसान के बातों को इग्नोर किया नाराज अंदाज किया और आज जिस मुकाम पर है उसे मुकाम पर पहुंचना हर इंसान के बस की बात नहीं। कुछ विचार जो मुझे पसंद आए और इनकी किताबों से पढ़कर अंडरलाइन करता हूं वह मैं यहां अपडेट करता रहूंगा।धन्यवाद

-इंतजार करने वाले को उतना ही मिलता है जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते हैं।

-महान सपने देखने वाले के महान सपने अवश्य पूरे होते हैं।

-कामयाबी तब होती है जब आपके सिग्नेचर ऑटोग्राफ में बदल जाए।

-यदि सूरज की तरह चमकना चाहते हो तो पहले सूरज की तरह तपना सीखो।

-सपने वह नहीं जो हम नींद में देखते हैं सपने वह हैं जो नींद ही नहीं आने दें।

-इससे पहले की सपने सच हो आपको सपने देखने होंगे।

-एक अच्छी पुस्तक हजार दोस्तों के बराबर होती हैं जबकि एक अच्छा दोस्त एक लाइब्रेरी के बराबर होता है।

-देश का सबसे अच्छा दिमाग क्लास रूम के आखरी बेंचों पर मिल सकता है।

-मरने के बाद भी जीना है तो एक काम जरुर करना पढ़ने लायक कुछ लिख जाना या फिर लिखने लायक कुछ कर जाना।

-छोटा लक्ष्य अपराध है महान लक्ष्य होना चाहिए।

-लोग आपकी बातों पर तब तक यकीन नहीं करेंगे जब तक आपके रिजल्ट्स उन्हें हिला नहीं देते।

-सफलता की कहानी मत पढ़ो आपको केवल एक संदेश मिलेगा असफलता की कहानी पढ़ो उससे आपको सफल होने के सुझाव मिलेंगे।

-मैं सबसे अच्छा हूं ,मैं यह कर सकता हूं, भगवान हमेशा मेरे साथ हैं, मैं एक विजेता हूं ,आज का दिन मेरा दिन है।

-आप अपना भविष्य नहीं बदल सकते किंतु अपनी आदतें बदल सकते हैं और निश्चित ही आपकी बदली आदतें आपका भविष्य बदल देंगी।

-महान शिक्षक ज्ञान जुनून और करुणा से निर्मित होते हैं।

-जब कोई अभियान प्रगति पर हो तो हमेशा कुछ ना कुछ समस्याएं या असफलताएं सामने आती ही हैं किंतु असफलताओं के कारण कार्यक्रम बाधित नहीं होना चाहिए।

-मैं मानता हूं कि दुनियां में समाज के लिए शिक्षक से अधिक महत्वपूर्ण दायित्व किसी अन्य का नहीं है।

-जैसा बीज बचपन में बोया जाता है वैसा ही जीवन के वृक्ष में फल लगता है इसलिए बचपन में दी जाने वाली शिक्षा कॉलेज एवं यूनिवर्सिटी में दी जाने वाली शिक्षा से अधिक महत्वपूर्ण होती है।

-शिक्षक की भूमिका उस सीढ़ी जैसी है जिसके जरिए लोग जीवन में ऊंचाइयों को छूते हैं लेकिन सीढ़ी वहीं की वहीं रहती है।

-एक शिक्षक में अपने पेशे के प्रति प्रतिबद्धता होनी चाहिए उसे शिक्षक एवं बच्चों से प्रेम होना चाहिए।

शिक्षक को जीवन भर अध्ययन करते रहना चाहिए उसे न सिर्फ विषय की सैद्धांतिक एवं व्यवहारिक बातें पढ़नी चाहिए। बल्कि छात्रों में हमारे महान सभ्यता की विरासत एवं सामाजिक मूल्यों की जमीन भी तैयार करनी चाहिए।

-ज्ञान प्राप्त करने के लिए चिंतन एवं कल्पना की स्वतंत्रता आवश्यक है और शिक्षक को इसके लिए उपयुक्त माहौल का निर्माण करना चाहिए।

-एक अच्छा शिक्षक यथातथ्य योजना बनाकर स्वयं को तथा अपने छात्र को ज्ञान प्राप्ति के लिए तैयार करता है।

-एक शिक्षक का जीवन कई दीपों को प्रज्वलित करता है।

-शिक्षकों का महान ध्येय युवा मस्तिष्कों को तेजस्वी बनाना है।

-देश के सर्वाधिक मेधावी व्यक्तियों को शिक्षक बनना चाहिए।

शिक्षकों को भी छात्रों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर ढूंढने चाहिए अथवा कम से कम छात्रों को वह ऐसी दृष्टि ही प्रदान ही करें जिससे छात्र स्वयं उत्तर ढूंढ सके।

-शिक्षा ज्ञान और बुद्धि के रास्ते से गुजरने वाली एक अनंत यात्रा।

-उच्च शिक्षा प्राप्त कर छात्र स्वावलंबी बनें जिससे वह उद्यमशील हों और रोजगार खोजने के बजाय खुद रोजगार पैदा करें।

-बच्चों के सामने माता-पिता को अपने व्यवहार और आचरण की मिसाल रखनी चाहिए । इससे बच्चों के मन में माता-पिता के प्रति प्रेम और श्रद्धा का विकास होगा तथा उन्हें वह अपना आदर्श मानेंगे।

शिक्षा प्रणाली में इस बात पर बोल देना चाहिए की छात्र स्व-प्रेरणा से सीखने योग्य हो जाए।

-विद्यालय के माहौल का बड़ा महत्व है जहां बच्चों का चरित्र निर्माण किया जाता है ।बच्चों के लिए सीखने की असली अवधि 5 से लेकर 17 वर्ष की उम्र तक होती है।

-मुझे यूनानी शिक्षक बेस्टोलोजी का कथन याद आता है “सात साल तक कोई बच्चा मेरी निगरानी में रहे फिर भगवान हो या शैतान कोई उसमें परिवर्तन नहीं ला सकता।” ऐसी क्षमता एक शिक्षक में ही हो सकती है।

-स्कूल कॉलेज के प्रिंसिपलों को दूरदृष्टि संपन्न होना चाहिए।

-प्रिंसिपल शिक्षक एवं माता-पिता के सामूहिक प्रयास से छात्रों में सर्वोत्तम सृजनशीलता पनपेगी।

-हमने अभी तक जो ज्ञान और जानकारी अर्जित की है 21वीं सदी में उसे प्रबंधन और मानवीय मूल्यों से जोड़ने की आवश्यकता है।

-वास्तविक शिक्षा मानवीय गरिमा और व्यक्ति के स्वाभिमान में वृद्धि करती है।

-शिक्षा का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है कि वह छात्रों में ‘हम ऐसा कर सकते हैं’ का भाव भर दें।

निर्णय वह नहीं होते जिनके परिणाम सही साबित हो बल्कि निर्णय तो वह होते हैं जिसे सही साबित करो।

-अपने काम को पूरी लगन से करते हुए धीरे-धीरे अपनी सोच के जरिए उसमें बदलाव और बेहतरी लाने का सिलसिला ही सृजनशीलता है।

-जो चीज दूसरों को जैसी नजर आती है उसे वैसे ही देखते हुए उसके बारे में अलग ढंग से सोचना सृजनशीलता का अहम पहलू है।

-चिंतन या विचार से जीवन में सक्रियता आती है ।

-बिना सक्रियता वाला ज्ञान बेकार और बेईमानी है।

-ज्ञान के साथ सक्रियता भी हो तो खुशहाली आती है।

-मानव मस्तिष्क की सृजनात्मक और कल्पनाशील क्षमता हमेशा किसी कंप्यूटर से आगे ही रहेगी।

-इसमें कोई शक नहीं की हर इंसान के दिमाग में सृजनशीलता के बीच मौजूद होते हैं, किंतु उन्हें अंकुरित और अभिव्यक्त करने के लिए मन से प्रयास करना पड़ता है।

-हर एक इंसान सृजनशील है हर मन में जिज्ञासा होती है।

-जब कोई बच्चा प्रश्न करें तो हम उसकी जिज्ञासा को जरूर शांत करें शिक्षकों और माता-पिता की यह बुनियादी जिम्मेदारी है।

डॉक्टर कलाम के इन विचारों से मैं काफी प्रेरित हूं और अपने आप को सकारात्मक बनाए रखने के लिए इनकी किताब आपका भविष्य आपके हाथ में, है हमेशा पढ़ता रहता हूं। किसी भी प्रकार की त्रुटि के लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूं और त्रुटि की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए आप अपना बहुमूल्य सुझाव कमेंट कर सकते हैं जिसके लिए आपका हृदय से आभारी रहूंगा,धन्यवाद

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